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Sunday, October 12, 2025

वर्षा और हवा बना बाजरे की फसल के लिए आफत: किसान मायूस

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रजनी कांत पाण्डेय
रजनी कांत पाण्डेय
मैं रजनीकांत पाण्डेय पिछले कई वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ इस दौरान कई राष्ट्रिय समाचार पत्रों में कार्य करने के उपरान्त ख़बरों के डिजिटल माध्यम को चुना है,मेरा ख़ास उद्देश्य जन सरोकार की खबरों को प्रमुखता से उठाना है एवं न्याय दिलाना है जिसमे आपका सहयोग प्रार्थनीय है.

परिवर्तन टुडे चन्दौली
Story By- मनोज कुमार मिश्रा
चहनियां। क्षेत्र के बरह परगने में बाजरे की फसलां के लिए वर्षा और तेज हवाये आफत बन कर टूट पड़ी है। कारण यह कि बिगत तीन दिनो से लगातार हो रही वर्षा से बलुई व मरूस्थली भूमि होने के कारण बाजरों की फसले जमीदोज व गिरने की प्रबल संभावना बनही हुयी है तथा खास तौर पर बाजरे की बालियां में लगने वाले फूलों का झड़ने व बालियों में लगने वाले दानों के सड़ने की संभावना बनी हुयी है। इस प्रकार वर्ष व तूफान से बरह परगने में कुछ स्थानों पर बाजरे की फसले जमीदोज हे गयी है। जिससे किसानां के समक्ष विकट समस्या उत्पन्न हो गयी है।

क्षेत्र के महुअरकलां, सढ़ान, नैढ़ी, मारूफपुर, लक्षमनढ़, गुरेरा, नादी, दरियापुर, बिजई के पूरा सहित दर्जनों गावों में बाजरे की फसले जमीदोज हो गयी है। जिससे किसानों की कमर टूट गयी। जबकि वरसात के पहले किसानों ने बाजरे की फसल देख कर उनके चेहरे पर खुसियां झलक रही थी कि इस वर्ष बाजरे की फसल अच्छी होने की उम्मीद है लेकिन कौन जानता विधाता की लेखनी क्या है? बिगत तीन दिनो से हो तेज वारिश व हवा के कारण सारी फसले जमीदोज हो गयी। जिससे फसले बर्बाद होने के कगार पहुच गयी है। वही किसान फसलो की बर्बादी देखकर मायूस हो गये है।

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