सीएम के निर्देश पर सिर्फ कागज पर हुई जांच, धरातल पर कुछ नहीं
नोडल अधिकारी ने झूठी रिपोर्ट के आधार पर शासन को भेज दी रिपोर्ट,पीड़ित ने दर्ज कराई आपत्ति
वाराणसी। इन दिनो आईजीआरएस के तहत हो रहे प्रार्थना पत्रों के निस्तारण में फर्जीवाड़े का खुलासा आए दिन हो रहे हैं। बड़ी बात तो यह है कि फर्जी निस्तारण के आधार पर लोग अपनी पीठ भी खूब थपथपवा कर सरकार से मेडल ले रहे हैं। लेकिन आईजीआरएस का निस्तारण जो हो रहा है उसमें से अधिकांश निस्तारण सिर्फ कागज पर धरातल पर कुछ नहीं हो रहे है।
जी हां ऐसा ही एक वाकया बड़ागांव का आया है,जहां सीएम के निर्देश पर धरातल पर नहीं,बल्कि कागज पर एसडीएम पिंडरा प्रतिभा मिश्रा व एसीपी पिंडरा ने झूठी रिपोर्ट लगाकर थाना प्रभारी बड़ागांव अतुल सिंह को क्लीन चिट दे दिया है। इसी झूठी रिपोर्ट को नोडल अधिकारी एडीएम वित्त एवं राजस्व ने शासन को भेज कर मामले को निस्तारित भी कर दिया। पीड़ित ने दोनों अधिकारियों की झूठी रिपोर्ट पर आपत्ति दर्ज कराते हुए मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर कार्यवाही की मांग किया है।
आश्चर्य की बात तो यह है कि उपरोक्त दोनों अधिकारी निरीक्षण करने के लिए न मौके पर पहुंचे और न हीं पीड़ित को बुलाकर संपूर्ण साक्ष्य और सबूत ही देखें। जांच अधिकारी सिर्फ लेखपाल,कानूनगो और तहसीलदार की रिपोर्ट ही देख लिए होते तो इस तरीके की झूठी रिपोर्ट लगाकर मुख्यमंत्री के आदेश की धज्जियां नहीं उड़ाते।
पत्रकार प्रेस क्लब के सदस्य एवं एक दैनिक समाचार पत्र के पत्रकार विपिन पांडे का आरोप है कि वर्ष 2022 में मेरे विपक्षी विजय शंकर पांडे ने मेरी मां बृजबाला पांडे के नाम से जो सह खाते की जमीन थी,उस पर जुताई बुवाई करने से रोक रहे थे। उच्च अधिकारियों ने मामले की जांच करवाई तो सच सामने आ गया उसके बाद मेरे खेत की जुताई बुवाई हुई। राजस्व अधिकारियों एवं कर्मचारी की रिपोर्ट में साफ शब्दों में उल्लेख है कि बड़ागांव के विसईपुर में स्थित आराजी संख्या 2382 सगे भाई शारदा पांडे व रमाशंकर पांडे के नाम से है। सगे दोनों भाई पूर्व में बटवारा कर के आधे-आधे जमीन पर काबिज भी थे। शारदा पांडे ने अपने हक की पूरी जमीन अपने बड़े बेटे विजय शंकर के पुत्र दीपक पांडे के नाम से वर्ष 2000 में रजिस्ट्री कर दिया था। इनके रजिस्ट्री करने के कई साल बाद यानी रमाशंकर पांडे ने वर्ष 2010 में अपने भतीजे दयाशंकर पांडे की पत्नी बृजबाला पांडे के नाम से अपने हिस्से की जमीन रजिस्ट्री कर दी। बृजबाला पांडे अपने हिस्से की भूमि पर लगभग 15 वर्षों से जुताई बुवाई कर रही हैं और शारदा पांडे के हिस्से की जमीन पर उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश होने की वजह से जमीन परती है। गलत तरीके से बृजबाला पांडे के खेत की जुताई बुवाई रोकी गई है। इसी तरीके से हाईकोर्ट से स्थगन आदेश होने के बावजूद भी पीड़ित विपिन पांडे के बाउंड्री वाल को तोड़कर निजी खड़ंजा बिछाए जाने की भी रिपोर्ट राजस्व कर्मचारियों द्वारा दी गई है। संपूर्ण रिपोर्ट होने के बावजूद भी बड़ागांव थाना प्रभारी अतुल सिंह आरोपियों की खुलकर मदद ही नहीं बल्कि झूठी रिपोर्ट देकर अधिकारियों को गुमराह कर रहे हैं।
बताते चलें कि जिले के बड़ागांव थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत बड़ागांव मौजा बिसईपुर निवासी पत्रकार प्रेस क्लब वाराणसी के मेंबर एवं एक दैनिक समाचार पत्र के पत्रकार विपिन पांडे ने सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र भेज कर तहसील क्षेत्र के जिम्मेदार पुलिस एवं प्रशासनिक अफसरों के साथ बड़ागांव थाना प्रभारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए अपने पत्र में उल्लेख किया था कि थाना प्रभारी बड़ागांव अतुल सिंह मेरे विरोधियों के धन बल के प्रभाव में आकर उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश के बावजूद भी बाउंड्री वॉल को तुड़वाकर जबरन निजी लगभग 20 फीट चौड़ी खड़ंजे का निर्माण रातों-रात करवा दिया है। आरोप यह भी है कि थाना प्रभारी अतुल सिंह विरोधियों को संरक्षण देकर इनके मां के नाम से लगभग 5 बीघे भूमि जो है उस पर भी इनके द्वारा की जा रही जुताई बुवाई को रुकवा दिया है।
इस मामले में एडीएम फाइनेंस वंदिता श्रीवास्तव से जब बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि यदि इस मामले में पीड़ित शिकायत करेगा तो संपूर्ण साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद पूरी जांच की जाएगी। इसके बाद निर्णय लिया जायेगा।