परिवर्तन टुडे चन्दौली
Story By- मनोज कुमार मिश्रा
चहनियां। सावन माह के पहले दिन से बलुआ स्थित गंगा नदी के जलस्तर में शुक्रवार को दोपहर 5.7 मिमी बारिश से 1 मीटर बढ़ोतरी हुई है। पानी बढ़ने से गंगा नदी के तटवर्ती इलाकों के किसानों व ग्रामीणों में बाढ़ की आंशका को लेकर से बेचैनी बढ़ने लगा है। गंगा का जलस्तर बढ़ने से गंगा का पानी बलुआ घाट पे बना शव दाह करने वाले टीन शेड तक पहुंच गया है 3 सीढ़ी व चेंजिंग रूम के करीब आ गई है। गंगा नदी के तटवर्तीय इलाकों के किसानों व ग्रामीणों में बेचैनी दिखने लगा है।
गगां तटवर्ती गांव भुपौली, डेरवा, महड़ौरा, कांवर, पकड़ी, महुअरिया, विशुपुर , महुआरी खास , सराय , बलुआ , डेरवाकला, महुअर कला, हरधन जुड़ा, गंगापुर, पुराबिजयी , पुरागणेन, चकरा, हरधनजुड़ा, सोनबरसा, टांडाकला, महमदपुर, सरौली, तीरगावा, हसनपुर, बड़गांवा,नादी निधौरा , सहेपुर आदि तटवर्तीय गांवों में कटान को लेकर किसानों व ग्रामीणों में चिंता जाहिर कर रहे हैं हजारों एकड़ उपजाऊ जमीन बाढ़ के दौरान गंगा नदी में समाहित हो चुकी है।
इस वर्ष भी पुनः गंगा नदी में लगातार पानी बढ़ने से तटवर्तीय गांव के किसानों को उपजाऊ भूमि के कटान कि चिंता सताने लगी है।घाट के किनारे पर झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों को विशैले जानवरो का हमेशा खतरा बना रहता है। बढ़ते जलस्तर को लेकर के खेतों में लगी फसलें पानी के कारण बर्बाद हो जाती है। वहीं किसानों द्वारा खेतों में बोये गये सैकड़ों एकड़ फसलें, सब्जियां, ज्वर,बाजरा,व अरहर एवं धान की रोपी गई फसलें और पशुओं का हरा चारा बाढ़ के पानी में डुबकर बर्वाद हो पहुच जाती है। पशु पालकों में पशुओं के चारे की विकट समस्या उत्पन्न हो जाती है।