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Monday, July 14, 2025
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थाने के सामने हमला: डेढ़ माह बाद भी दर्ज नहीं हुआ मुकदमा

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रजनी कांत पाण्डेय
रजनी कांत पाण्डेय
मैं रजनीकांत पाण्डेय पिछले कई वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ इस दौरान कई राष्ट्रिय समाचार पत्रों में कार्य करने के उपरान्त ख़बरों के डिजिटल माध्यम को चुना है,मेरा ख़ास उद्देश्य जन सरोकार की खबरों को प्रमुखता से उठाना है एवं न्याय दिलाना है जिसमे आपका सहयोग प्रार्थनीय है.

एसडीएम पिंडरा तथा बड़ागांव थाना प्रभारी कर रहे हैं आरोपियों की मदद, पीड़ित ने किया घर से पलायन

पीड़ित ने सीएम को पत्र भेज कर अधिकारियों तथा आरोपियों के विरुद्ध की कड़ी कार्रवाई की मांग

वाराणसी। बड़ागांव थाना क्षेत्र के विसईपुर गांव निवासी दयाशंकर पांडे के ऊपर बीते 07 अप्रैल 25 को थाने से महज 50 कदम की दूरी पर हुए हमले के मामले में आज तक मुकदमा दर्ज न होने से पुलिस के ऊपर गंभीर सवालिये निशान उठने लगे हैं। इस मामले में पीड़ित का पुत्र विपिन कुमार पांडे ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर दोषियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की मांग किया है।

मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में पीड़ित ने आरोप लगाया है कि एसडीएम पिंडरा प्रतिभा मिश्रा तथा थाना प्रभारी बड़ागांव अतुल सिंह धनबल के प्रभाव में आकर आरोपियों की मदद कर रहे हैं,जिसके कारण मुझे न्याय नहीं मिल पा रहा है।

पीड़ित का आरोप यह भी है कि पिछले दिनों बड़गांव पुलिस की सह पर हाईकोर्ट से स्टे होने के बावजूद भी पांच बीघे भूमि पर दबंगों ने रात्रि में ट्रैक्टर से जुताई करवा दिया। मामले की शिकायत लेकर जब एसडीएम पिंडरा प्रतिभा मिश्रा के यहां गया तो उन्होंने प्रार्थना पत्र लेने से ही इंकार कर दिया। एसडीएम ने साफ शब्दों में कहा कि मामला हाईकोर्ट से स्टे का है तो वहां जाइए। पीड़ित द्वारा मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में यह दर्शाया गया है कि बीते 7 अप्रैल को बड़ागांव थाने से महज पचास कदम की दूरी पर मेरे पिता दयाशंकर पांडे के ऊपर आधा दर्जन हमलावरों ने प्राण घातक हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया था। घटना की सूचना पाकर बड़गांव पुलिस मौके पर पहुंची और एंबुलेंस बुलवाकर उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बसनी ले गई। डॉक्टर ने घायल को गंभीर बताते हुए जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया था। घायल जिला अस्पताल में लगभग 15 दिन तक एडमिट रहा उसके बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। मेडिकल मुआयने में घायल को कई चोट होने के साथ पैर की हड्डी भी टूटी हुई है।

इसके बावजूद भी पीड़ित के प्रार्थना पत्र पर बड़ागांव पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज नहीं किया। पीड़ित ने बताया कि एसडीएम और बड़ागांव थाना प्रभारी की खुली छूट आरोपियों को है,जिन लोगों के भय से मैं अपने परिवार के साथ घर से पलायन कर चुका हूं।

बड़ागांव थाना प्रभारी अतुल सिंह ने बताया कि पूर्व में एक मुकदमा एससी/एसटी का दर्ज हुआ है,जिसकी विवेचना एसीपी पिंडरा द्वारा की जा रही है,इनका भी प्रार्थना पत्र मिलेगा तो उक्त मुकदमे में उसे भी शामिल कर लिया जाएगा।

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