परिवर्तन टुडे चन्दौली
Story By- मनोज कुमार मिश्रा
चहनियां। क्षेत्र में सावन के दूसरे दिन सोमवार को शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। स्थानीय शिव मंदिर में सुबह से ही दर्शनार्थियों की लंबी कतार देखी गई। श्रद्धालुओं ने भगवान शिव का जलाभिषेक किया। चहनिया रामेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों ने गंगा स्नान के बाद जलाभिषेक किया। पूजा-अर्चना के दौरान हर-हर महादेव के जयकारे गूंजे। लक्षु ब्रह्म बाबा मंदिर में श्रद्धालुओं की विशेष उपस्थिति रही। यहां पूजा-अर्चना के अलावा मुंडन संस्कार भी हुए। हरिकीर्तन और शिव स्तुति का पाठ भी किया गया।

रामगढ़ स्थित बाबा कीनाराम में भी श्रद्धालुओं का भीड़ देखने को मिला। लक्षु ब्रह्म बाबा मंदिर परिसर में मेले जैसा माहौल था। खिलौने, माला और फूलों की दुकानें लगी थीं। जनपद के विभिन्न क्षेत्रों से सैकड़ों श्रद्धालु पूजन के लिए पहुंचे।
ज्योतिषाचार्य पंडित चंद्रकांत पांडेय ने बताया कि श्रावण मास से जुड़ी पौराणिक कथा के अनुसार, सावन का महिना इस कल का प्रतीक है। जब देवों और दैत्यों ने समुद्र मंथन किया था। जब कालकूट विष निकला तो भगवान शिव ने उसे पीकर नीलकंठ बन गए। विष के प्रभाव से उनके शरीर में भयंकर गर्मी उत्पन्न हुई, जिसे शांत करने के लिए देवताओं ने गंगाजल से उनका अभिषेक किया. यह घटना वर्षा ऋतु के श्रावण मास में हुई थी, और तभी से श्रावण मास में भगवान शिव का जलाभिषेक करना अति शुभ और फलदायक माना जाता है। श्रावण मास में शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। पुलिस के जवान सभी मंदिरों पर तैनात रहे। बलुआ इंस्पेक्टर डॉ. आशीष मिश्रा ने क्षेत्र का निरीक्षण किया।