परिवर्तन टुडे चन्दौली
सकलडीहा। शुक्रवार को सकलडीहा तहसील के अधिवक्ताओं ने संयुक्त रूप से विरोध प्रदर्शन करते हुए तहसील में मुंसफी न्यायालय की स्थापना की मांग किया। जबकि मुंसफी न्यायालय की मांग को लेकर कई बार पूर्व में अधिवक्ताओं ने उच्चाधिकारियों को पत्रक और लिखित रूप से मांग कर चुके है। सकलडीहा तहसील का शिलान्यास हुए 31 साल हो गया है। इसके बाद भी तहसील में मुंसफी न्यायालय की स्थापना अस्थायी रूप से भी नहीं हो पाया। जिसके कारण दूर दराज के ग्रामीणों को समस्या हो रही है।
तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने 20 अक्तूबर 1994 में तहसील भवन का शिलान्यास किया था। 1997 में तहसील का संचालन डायट परिसर में शुरू होगया था। 2000 में भवन तैयार होने पर तहसील का संचालन विधिवत शुरू हुआ। लेकिन 31साल बीतने के बाद भी तहसील में मुंसफी न्यायालय की स्थापना नहीं हो पाया। जबकि कई बार अधिवक्ताओं ने धरना प्रदर्शन और अधिकारियों को मांग पत्र सौपा है। इसके पूर्व में अधिवक्ताओं की ओर से उच्चन्यायालय को भी पत्र भेजकर मांग किया गया था। दो दिन पूर्व में तहसील के अधिवक्ताओं ने डीएम से मिलकर मुंसफी न्यायालय का संचालन की मांग उठाया था। इसके बाद भी तहसील प्रशासन की ओर से कोई सुधी नहीं लेने पर अधिवक्ताओं ने शुक्रवार को अस्थायी रूप से तहसील परिसर में मुंसफी न्यायालय की संचालन की मांग को लेकर विरोध जताया।
इस मौके पर बार अध्यक्ष अशोक कुमार यादव,नितिन तिवारी,पंकज सिंह,रामराज यादव,सुरेन्द्र मिश्रा,विजय प्रताप सिंह,सुभाष सिंह,उपेन्द्र नारायण सिंह,अतुल तिवारी,अरूण कुमार,अखिलेश तिवारी,सुरेन्द्र शर्मा,संजय सिंह,संतोष सिंह,प्रभुनाथ पाठक आदि अधिवक्ता मौजूद रहे।