परिवर्तन टुडे चन्दौली
Story By- मनोज कुमार मिश्रा
चहनियां। महाकपालिक अघोरेश्वर बाबा कीनाराम जन्मस्थली व तपस्थी रामगढ़ में बाबा की छट्ठी का आयोजन कर मनाया जायेगा। अघोर परम्परा के विश्वविख्यात संतो संत बाबा कीनाराम स्वयं साक्षात भगवान शिव स्वरूप थे। अघोर परम्परा एक प्राचीन भारतीय आध्यात्मिक परंपरा है जो शिव की पूजा पर केंद्रित है, जिसमें अघोर’ का अर्थ वह जो भयानक नहीं है है, और इसके अनुयायी, अघोरियों के अनुसार, यह चेतना की एक प्राकृतिक, सरल अवस्था है।
यह परम्परा पवित्रता की पारंपरिक धारणाओं को चुनौती देती है, जिसमें अशुद्ध मानी जाने वाली चीजों को अपनाया जाता है, जैसे श्मशान में रहना और मानव खोपड़ी का उपयोग करना, ताकि मृत्यु की अपरिहार्यता और अद्वैतवादी दर्शन को समझा जा सके। जहाँ सब कुछ एक ही परम सत्य ’ब्रह्म’ का स्वरूप है। उसी बाबा कीनराम का जन्म भाद्रपक्ष की चतुदर्शी तिथि को रामगढ़ गावॅ में एक क्षत्रिय कुल में हुआ था। बाबा के समाधी लेने के बाद ग्रामीणे द्वारा जन्मोत्सव मना जाता और उनके छट्ठी बरही के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
उक्त कार्यक्रम जानकारी देते हुए मिडिया प्रभारी कुलदीप वर्मा ने बताया कि 29अगस्त शुक्रवार को छट्ठी का कार्यक्रम धूमधाम से मनाया जायेगा।